बढ़ती प्रतिस्पर्धा के समय में विद्यार्थियों के लिए यूजीसी ने विशेष कोचिंग स्कीम शुरू की है. इस कोचिंग स्कीम की जानकारी डॉ. राजकुमार सिवाच ने भावी पत्रकारों को कार्यशाला के दौरान दी. समाज के पिछड़े वर्ग- अनुसूचित जाति, जनजाति, गरीब जो कि पीले कार्ड धारक हैं, महिलाएं व ओबीसी इस स्कीम के लाभार्थी हैं. इस कोचिंग के लिए चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में एक सैल का निर्माण किया गया है. इस स्कीम को ३ भागों में विभाजित किया गया है.पहला रिमिडियल जिसमें कि विद्यार्थी जिस विषय में कमजोर हैं उसकी अलग से कोचिंग ले सकता है. दूसरी एंटी इन्टू सर्विसेस जिसमें नौकरियों की परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाएगी. तीसरी में नेट और स्लेट की कोचिंग दी जाएगी. इस स्कीम में विद्यार्थिओं को पढ़ने के साथ पढ़ाने का मौका भी मिल रहा है. चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में इसकी शुरुआत २२ फरवरी २०११ को हुई थी. अब तक ४०० से अधिक कक्षाएं लगायीं जा चुकी हैं. सिवाच ने बताया कि परिणाम हर प्रकार से सकारात्मक हैं. एक विद्यार्थी के प्रश्न पर सिवाच ने कहा कि विद्यार्थियों में तैयारी की कमी है. उन्हें प्रेरित करने की आवश्यकता है. व्यावहारिक ज्ञान की कक्षाओं से जुड़े सवाल पर सिवाच ने कहा की इसके लिए भी बात चल रही है. ये कक्षाएं ३१ मार्च २०१२ तक चलेंगीं. सिवाच ने अंत में कहा कि विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा इस स्कीम का लाभ उठाना चाहिए.
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