पत्रकारिता के क्षेत्र में भाषा के स्तर पर नए मुहावरे जड़ने वाला अब कोई नहीं होगा. क्योंकि पत्रकारिता में धाक जमाने वाले अलोक तोमर अब हमारे बीच नहीं रहे. तोमर स्वभाव से मनमौजी और जिद्दी थे. अपनी कमल पर उनकी जबरदस्त पकड थी.
पोलिटिकल एडिटर के रूप में कार्य कर रहे अलोक तोमर लगभग २३ वर्षों से मिडिया जगत से जुड़े थे. हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओँ पर अच्छी पकड़ रखते थे. बहुत से लोग यह नहीं जानते कि तोमर, अमिताभ बच्चन के सुप्रसिद्ध कार्यक्रम के लिए भी लिख चुके हैं.
दिसम्बर १९६० में मध्य प्रदेश के भिंड में अलोक का जन्म हुआ. विज्ञानं में स्नातक और हिंदी साहित्य में ग्वालियर विश्वविद्यालय से अधिकतम अंकों से स्नातकोतर हुए.
अलोक के करियर कि शुरुआत ग्वालियर के एक दैनिक पत्र स्वदेश से हुई.उन्होंने univarta दिल्ली में, डेस्क पर ११ महीनों में १०० एक्सक्लूसिव स्टोरीज़ की. १९८३ में जनसत्ता में शामिल हुए. ६ वर्षों में ७ पदोन्नतियां हासिल की. १९९३ में जनसत्ता छोड़ दी. दैनिक भास्कर जैसे कई मुख्य अख़बारों के लिए लिखते रहे. rediff.कॉम के राजनैतिक पत्रकार के रूप में भी कार्य किया. १९९१ से १९९८ तक जी न्यूज़ के चुनाव प्रोग्राम के लिए लिखा.तोमर को आज तक- टीवी टुडे ने सन २००० में चैनल की लॉन्च के समय consultant के रूप में आमंत्रित किया. होम टीवी के १०० से अधिक शोज़ के लिए भी लिखा. इसके अलावा ndtv , zee , दूरदर्शन के कई कार्यक्रमों व धारावाहिकों के लिए भी लिखते रहे. ugc के मीडिया एक्सपर्ट भी थे.
पत्रकारिता से जुडी ५ पुस्तकें अलोक ने लिखी.
भावी पत्रकारों के लिए वे एक मिसाल हैं.
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