आज मैं बात करने जा रही हूँ रंगों में से खुबसूरत रंग दोस्ती के बारे में!!!!
ये वो रंग हैं जो आज के समय में रंग बदलने लग गया है!
जिसे सच्चा समझते हैं वो सच्चा नहीं होता और जिसे नहीं समझते उसे हम गलत समझने की भूल कर बैठते हैं!
दोस्ती का रंग समय के रंग के साथ रंग बदलता है! समय ही बता सकता है कि कौन सही है और कौन गलत??? खुशियों में सब साथ होते हैं पर दुःख में सिर्फ और सिर्फ सच्चा दोस्त! अब आप खुद समझ सकते हैं कि कौन दोस्त है और कौन दिखावटी??
हाँ! दोस्ती के सुंदर से पल आपके जीवन में यादों का एक गुलदस्ता छोड़ जाते हैं जो जीवन भर महकता है ! इसकी खुशबू आप बहुत से लोगों के साथ बांटते भी हैं और खुद भी सहेज कर रखते हैं! रंग भरी दोस्ती में मस्ती मज़े के बहुत से रंग होते हैं!!
पर एक रंग, सिर्फ एक रंग बुरा है इसका और वो है स्वार्थ का रंग! दोस्ती में स्वार्थ की भावना की कोई जगह नहीं है! इसी की वजह से दोस्ती के रंग बदरंग हो जाते हैं!!!
इसलिए दोस्ती के अटूट रिश्ते की हमे कदर करनी चाहिए और दोस्त अच्छा हो या बुरा यदि हम खुद सच्चे हैं तो ये रिश्ता मजबूत रहता है बाकि समय तो है ही हमारी मदद करने के लिए!!!!!!!
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