फिल्मों का समाज पर, हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है! फिल्म के विषय या किस्म के अनुसार उसका प्रभाव सम्बन्धित दर्शकों पर पड़ता है! उदाहरण के तौर पर युवाओं को ध्यान में रख कर बनायी गयी फिल्म केवल युवाओं को ही प्रभावित करेगी!
फिल्मों का प्रभाव दोनों तरह का है-
(१)सकारात्मक
(२)नकारात्मक
(१) सकारात्मक- फिल्मों का मुख्य उद्देश्य मनोरंजन व जागरूकता रहा है! सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्मों ने हमेशा समाज को आइना दिखाया है और साथ ही बुराई को दूर करने में मदद भी की है! आतंकवाद, अंडरवर्ड,आम आदमी का दर्द, राजनीति, नारी का शोषण, गरीबी आदि मुद्दों पर बहुत सी फिल्में बनी हैं! जो समाज की सच्चाई को सामने केकर आती हैं! दूसरी और बदलते समय को दर्शातीं हैं! शहरीकरण का मुख्य कारण भी इन्हें कहा जा सकता है! बदलती जीवन शैली को दर्शाती फिल्में ग्रामीण व छोटे लोगों को नवीन तकनीकों व रहन-सहन के तौर-तरीकों से अवगत करातीं हैं! लोगों की सोच पर भी इसका सीधा प्रभाव पड़ता है! इसका सबसे बड़ा उदाहरण है फिल्म ३इडियट्स ! पढाई के क्षेत्र मैं बढ़ रही प्रतिस्पर्धा के कारण विद्यार्थियों पर पड़ रहे प्रभाव को इस फिल्म में दिखाया गया! साथ की विद्यार्थियों व उनके माता पिता को इस फिल्म के द्वारा सन्देश दिया गया! माता पिता बच्चों पर जबरदस्ती न करें व बच्चे भी स्वेच्छा से करियर का चुनाव कें, इस उद्देश्य के साथ यह फिल्म बनायी गयी थी! साथ ही मनोरंजन से भी भरपूर थी! इसके अलावा हम पारिवारिक फिल्मों का भी उदाहरण ले सकतें हैं ,जिसमें की संयुक्त परिवार की परम्परा को फिर से शुरू करने का सन्देश दिया जाता है! फिल्मों द्वारा रिश्तों की मधुरता, बड़ों का सम्मान भी दर्शाया जाता रहा है! इसका उदाहरण हम वक़्त व बागबान जैसी फिल्मों में देख सकते हैं!
फिल्मों का एक और सकारात्मक पहलु है और वह है- बदलते दौर को दर्शाना! इसमें समाज की सच्चाई, दिखावे के पीछे का सच व साथ ही नयी तकनीकें व, और फैशन का रुख भी पता लगता है!
कई बार फिल्मों के बहुत से किरदार बच्चों के लिए, युवाओं के लिए आदर्श भी साबित होतें हैं! साथ ही यह फिल्में अमन,शांति व एकता का सन्देश भी देती हैं!
(२)नकारात्मक- फिल्मों का जितना सकारात्मक प्रभाव है उतना ही नकारात्मक भी है! इनका सबसे बुरा परभाव बच्चों व युवाओं पर पड़ता है! फिल्मों में दिखाई गयी अश्लीलता, फूहड़ता व क्राइम का सीधा असर बच्चों व उवओं के मस्तिष्क पर पड़ता है!आम जिंदगी में घाट रही बहुत सी घटनाओं का मुख्य कारण फिल्में ही होता है! बहुत से बच्चे फिल्मों के प्रभाव में आकर अपना जीवन ही नष्ट कर लेते हैं! अपराध जगत से जुड़े लोग फ़िल्मी तरीकों को अपनाकर चोरी, डकैती, व मर काट के कामों को अंजाम देते हैं! इसके अलावा फिल्में हमारे संस्कारों को तहस-नहस करती भी प्रतीत होती हैं! पश्चात्य्करण को लोगों तक पहुँचाने का काम भी फिल्में ही करती आ रही हैं! इससे समाज में संस्कारों को भुला कर नए चलन चलाना आम बात हो गयी है! मोर्दनाइजेशन को दिखाती फिल्में हमारी संस्कृति को तो प्रभावित करती ही हैं साथ ही रिश्तों की मधुरता पर भी विपरीत असर डालती हैं!
निष्कर्ष- प्रत्येक फिल्म का अपना प्रभाव होता है चाहे वह अची हो या बुरी? फिल्मों के प्रभाव की बात की जाये तो इसका समाज पर दोना तरह का प्रभाव पड़ता है! यह हम पर निर्भर करता है की हमारा नजरिया क्या है?
कुछ फिल्में इसी भी होती हैं जिनका कोई भी प्रभाव नही पड़ता जो सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन के लिए बनती हैं!!!