Thursday, April 14, 2011

अलादीन मेरा सबसे मनपसन्द कार्टून प्रोग्राम

वाह! आज बहुत समय बाद में टीवी पर अलादीन देखा. दिल दिमाग दोनों ही बचपन की यादों में कहीं खो गया था. अलादीन की दुनिया जादू और जोखिम से भरी है. इस कहानी की शुरुआत में अलादीन एक चोर है, और अगर्बाह की गलियों में घूमता रहता है. अलादीन चोर तो है पर कहीं न कहीं इस चोर का दिल नर्म है. चोरी कर गरीबों की मदद भी करता है. अलादीन मस्त है, जिंदादिल है. गरीबी में भी अपनी जिंदगी ठाठ से जीता है और इस चोर का साथ देता है उसका प्यारा सा बन्दर 'अबू'.


अबू भी अलादीन की चोरी में मदद करता है, और हरपल उसके साथ रहता है. अलादीन प्यारा सा शरारती बंदर है जो हर समय खाने की तलाश में रहता है. खाने की तलाश करने में हमेशा अबू किसी न किसी मुसीबत में जरुर फस जाता है.
अलादीन बहुत साहसी भी है और उसकी इसी काबिलियत का फायदा उठाता है अगर्बाह का वजीर जो उसे भेष बदल के बुद्धू बनता है. वो अलादीन को एक जादुई गुफा में जादुई चिराग लेने भेजता है.इसी जादुई गुफा में अलादीन और अबू की मुलाकात होती है 'कालीन' से.


कालीन एक आम कालीन नहीं है. ये एक खुबसूरत जादुई कालीन है जो हवा में उड़ सकता है.
आकाश की ऊँचाइयों में अपने उपर बैठा करये सबको घुमाता है. जादुई गुफा में अलादीन चिराग ढूंढता हुआ फंस  जाता है और तब कालीन अलादीन,अबू और चिराग को मुसीबत से बचाता है. यहीं से एक नई दोस्ती की भी शुरुआत होती है. गुफा से निकलते हुए अगर्बाह का वजीर अलादीन को गुफा में धकेल देता है,पर गलती से चिराग भी अलादीन के पास ही रह जाता है. अब इस परेशानी के समय में अलादीन चिराग को रगड़ बैठता है और हाज़िर हो जाता है एक बड़ा सा 'जिन्न'.



ये जिन्न इस कहानी का सबसे मजेदार किरदार है जो अपने जादू से मदद के साथ साथ हंसी के फुव्वारे भी छुड्वाता है. यही जिन्न ले जाता है बहार अलादीन, अबू और कालीन को और शुरू हो जाती है एक अनोखी कहानी. इस कहानी में एक और रंग भी है और वो है प्यार का रंग. अलादीन और 'जस्मीन' के प्यार का रंग.



अरे हम तो ज्यादा आगे आ गये हैं पहले जस्मीन का परिचय हो करवा दूँ आप से. तो मिलिए 'जस्मीन' से, अगर्बाह की शहजादी से.



जस्मीन ये है शहजादी जो बहुत खुबसूरत है और अपनी ही दुनिया में मस्त रहती है.जस्मीन के पिता जी उसकी शादी किसी शहजादे से करवाना चाहतें हैं. पर जस्मीन को कोई भी पसंद ही नहीं आता है. इसी कशमकश में जस्मीन पहुँच जाती है अगर्बाह की गलियों में और अलादीन से मिलती है. वाह जी वाह आप भी समझ गये होंगे की हम कहाँ पहुँच गये?? हम  पहुँच गये हैं जहाँ हम पहले थे. कहाँ थे??
हम थे प्यार के रंग में जिस में जस्मीन और अलादीन रंगे हुयें  हैं. तो बस यूँ हीं कहानी बन गयी अलादीन की जिसमें जिन्नी, जस्मीन,अबू, और कालीन हैं. हम कुछ भूल रहे हैं न?? याद आया?? 
कैसे भूल सकते हैं हम अलादीन के एक और दोस्त 'इयागो' को.



इयागो वैसे तो वजीर का पालतू तोता होता है, पर वजीर को हराने के बाद ये अच्छाई का यानि अलादीन का साथ निभाता है. इयागो आवारा भाषा बोलता है और थोडा आलसी और लालची है. इसकी वजह से ही हमेशा मुसीबत में फंस जाता है.
ये है अलादीन का परिवार जो रोज़ मुसीबत में फंसता है और निकल भी जाता है.ये मेरा मनपसन्द है और मैं सारी जिंदगी इसे याद करती रहूंगी.

Friday, April 1, 2011

amazing facts

जानिये कमाल की बातें!!!!!
  • एक बड़ा सूअर १४ गैलन पानी १ दिन में पी सकता है.
  • डेनमार्क में सूअर बहुत ज्यादा पाए जाते है,वहां सूअरों की संख्या इंसानों से दोगुनी है.
  • सूअर सबसे साफ़ जानवर होता है, वो केवल अपने आप को ठंडा रखने के लिए कीचड़ में बैठता है. 


  • ची हुआ हुआ दुनिया में कुते की सबसे छोटी नस्ल है.
  • इसके नाम का मतलब है -आसमान में छोटा सा कुता.








  • बिच्छु की पुरे विश्व में २००० के करीब जातियां पाई जाती हैं.
  • कमाल की बात तो यह है कि ये न्यूज़ीलैंड और अन्टार्क्टिका में नहीं पाए जाते हैं .








  • जिराफ अपने कानों को जीभ से साफ़ कर सकता है.
  • यह दुनिया का सबसे लम्बा जानवर होता है.
  • यह ऊंट से भी ज्यादा समय पानी के बिना रह सकता है.
  • इसकी जीभ ५० सेंटीमीटर लम्बी और काली होती है.







  • मगरमच्छ के १  जबड़े में २४ तीखे दांत होते हैं, जो उसे चबाने में बिलकुल मदद नहीं करते. 
  • धरती पर पहला मगरमच्छ दाएनासोर के समय पर आ गया था .
  • इसकी जीभ मुंह के उपरी हिस्से से चिपकी रहती है, जो बिलकुल भी नहीं हिलती.





  • स्टार फिश कि ८ आँखें होती हैं-हर पैर के अंत में.
  • १ गोल्ड फिश ४० साल तक जिंदा रहती है.
  • कुछ मछलियों कि आँखें उनके पेट के आकार की होती हैं.
  • इनकी पलके नहीं होती हैं, जबकि एक प्रकार की लैस होती है जो आखों की रक्षा करती है.





  • चिड़िया ज़रूरत पड़ने पर तैर भी सकती हैं.
  • विश्व में ७५% चिड़िया ६ माह के अंदर ही मर जाती हैं.








है न कमाल ही बात????

Monday, March 28, 2011

LOVE

जब दिल में ईश्वर के लिए प्रेम होता है तो उसकी बनाई हर वस्तु से प्रेम हो जाता है. इस किस्से से यह बात सिद्ध होती है -

महात्मा बुद्ध के समय का ज़िक्र है कि एक चरवाहा भेड़-बकरियों का झुण्ड लेकर चला जा रहा था. एक बकरा लंगड़ा था और धीरे-धीरे चल रहा था. चरवाहा उसे झुण्ड के साथ करने के लिए डंडे मरता था. महात्मा बुद्ध ने देखा और बहुत दुखी हुए. उस पर दया दिखाते हुए चरवाहे से पूछा, "तुझे जाना कहाँ है?" उसने कहा कि वह जो सामने पहाड़ी दिखाई देती है, मैं वहां रोज़ बकरियां चरता हूँ. बस वहां जाना है. महात्मा बुद्ध ने कहा कि अगर मैं इस लंगड़े बकरे को उठा कर वहां छोड़ आऊं तो तुझे कोई एतराज तो न होगा. उसने हंसते हुए कहा ,"नहीं". महात्मा बुद्ध ने बकरे को उठा कर उस पहाड़ी पर बाकि भेड़ों के साथ छोड़ दिया. बकरे का कुछ समय के लिए दूर हो गया. 

महात्मा को सब से प्यार होता है, पशु, पक्षी या अन्य कोई भी जीव हो.


परन्तु हम ईश्वर वंदना का ढोंग करते हैं, और ईश्वर कि बनाई सबसे खुबसूरत रचना ' इन्सान ' से ही नफरत करने लगते हैं. तो अन्य जीवों से प्रेम तो दूर कि बात है